स्वास्थ्य एवं मानव रोग (Health And Human Diseases)

मैं शिवेंद्र कुमार मौर्य, आपका अपना दोस्त, आज हम स्वास्थ्य एवं मानव रोग के बारे में संक्षेप में जानेंगे। इस टॉपिक के बारे में और अधिक जानने से पहले हमारे दिमाग मे प्रश्न जरूर आया होगा की -

 स्वास्थ्य क्या है??? स्वास्थ्य को हम सटीक व संक्षेप में  तथा अपने शब्दों में से क्या कह सकते है???

                                        दोस्तों पुराने विचारों के अनुसार यह माना जाता था कि यदि हम रोगो के अभाव की दशा में हैं तो हम स्वस्थ हैं ।लेकिन यह बिल्कुल गलत है या यूं कहो कतई जहर है। लेकिन वैसे भी इसकी आजकल कोई ज्यादा महत्व नहीं है। पहले यह माना जाता था कि मनुष्य का शरीर एक मशीन के समान है कहते थे कि अगर इस मशीन में कोई गड़बड़ी आ गई तो समझ लो भैया रोग आ गया तथा डॉक्टर का काम इन्हीं बिगड़ी शरीर वाली मशीनों की मरम्मत करना होता था। लेकिन स्वास्थ्य संबंधी ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा। जिससे यह कथन निरर्थक प्रतीत होने लगा।

 उदाहरण के लिए जनसंख्या, कुपोषण, मानसिक रोग, नशीले पदार्थों के सेवन की लत  आदि ।

अतः यह सब देखने के पश्चात स्वास्थ्य को एक नई परिभाषा मिली और कहा गया कि-

"मनुष्य और उसके चारों तरफ के वातावरण के बीच के तालमेल या संतुलन की स्थिति ही स्वास्थ्य है तथा इसके उल्टा  संतुलन बिगड़ जाने की स्थिति अस्वास्थ्य या रोग है।"

लेकिन यह सफर यहीं तक का नहीं था। इस सफर में एक मोड़ और है। क्योंकि इस परिणाम से भी कुछ स्वास्थ्य संबंधित समस्या का निदान संभव नहीं था। यह पाया गया कि लोग केवल जैव कारणों से ही नहीं होता है बल्कि सामाजिक कारणों से भी होता है ।
स्वास्थ्य के प्रभाव के प्रमुख आयाम या यूं कहो कि स्वास्थ्य भौतिक मानसिक तथा सामाजिक यह तीनों का ही परस्पर घनिष्ठ रूप है।
 जैसा कि हम सभी ने असल लाइफ में हमारे शरीर के बाहरी दिखावे का काफी महत्व है। वैसे ही स्वास्थ्य में भौतिक स्वास्थ्य का बेहिचक बहुत ज्यादा महत्व है। अब आप कहेंगे कि 
हम भौतिक स्वास्थ्य में कैसे फिट है???

#एक स्वस्थ व्यक्ति के उत्तम भौतिक स्वास्थ्य के लक्षण-

हंसता चेहरा, निखरती त्वचा, चमकती आंखें, सुडौल शरीर, अच्छी निद्रा, अच्छी भूख, नियमित मल विसर्जन, रक्त चाप, नाड़ी का स्पंदन आदि।
भौतिक स्वास्थ्य के ऊपर ही मानसिक स्वास्थ्य निर्भर है। इसलिए कहा ही जाता है कि -

"स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।"

#एक स्वस्थ व्यक्ति के उत्तम मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण-

संतुलित व समायोजित व्यक्तित्व ही उत्तम मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण हैं।
             जहां तक सामाजिक स्वास्थ्य की बात है मनुष्य का आधारभूत तथ्य यह है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। मनुष्य को अपना जीवन परिवार व उस बड़ेदायरे समुदाय के अंग के रूप में बिताना होता है।

Human diseases

1•संक्रामक रोग 
2•लैंगिक संपर्क जन्य रोग
3• रक्त संचरण से फैलने वाले रोग
4• हासित रोग 
5• पैतृक रोग
6• कैंसर रोग 
                   1• संक्रामक रोग
°CHOLERA-  यह रोग Vibrio cholerae नामक जीवाणु सेे होता है।
°DIPHTHERIA- यह रोग Coynebacterium diphtheriae नामक जीवाणु से होता है।
°TETANUS- Clostridium tetani नामक जीवाणु से
°TUBERCULOSIS or TB- Mycobacterium tuberculosis नामक जीवाणु से
°TYPHOID- Salmonella typhosa जीवाणु से
°LEPROSY- Mycrobacterium leprae नामक जीवाणु से
°CHICHEN POX- Varicella virus से
°POLIOMYElITIS- Polio virus से
°MEASIES- Morbeli virus से
°RABIES- Lyssa virus type 1 se
°AMOEBIASIS- Entamoeba histolytica se
°MALARIA- P.falciiparum, P.vivax, P.oxale , P. malariae यह चारों मलेरिया रोग के कारण है।
                2•लैंगिक संपर्क जन्य रोग
°GONORRHOEA- यह रोग Nisseria Gonorrhoeae जीवाणु से होता है।
°SYPHILIS- यह रोग Treponema pallideum नामक जीवाणु से होता है।
             3•रक्त संचरण से फैलने वाले रोग
°AIDS(acquired immune deficiency syndrome)- HIV(human immuno deficiency virus)
°HEPATITIS- यह रोग यकृत का रोग है। इस रोग को हिपैटिक एनोक्सियाा कहते हैं। इस रोग मेंं यकृत में ऑक्सीजन का अभााव हो जाता है।
                    4•ह्रासित रोग
1• ह्रदय के रोग (heart diseases)- यह कुछ रोग हृदय से संबंधित हैं। जो निम्न है-
(a) अतितान रोग (hypertension)
(b) ऐथिरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) 
(c) हृदशूल (angina pectoris)
2•मधुमेह (diabetes)- इस रोग से शरीर में  शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।
3•जोड़ों का दर्द (arthritis) इसे गठिया या बाल भी कहते हैं कुछ प्रकार के गठिया रोग निम्न है-
(a) रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया रोग
(b) ओस्टियोआर्थराइटिस गठिया रोग
(c) गाउट गठिया रोग
                    5•पैतृक रोग
मनुष्य में कुछ रोग वंशा गत होते हैं इन्हें पैतृक रोग या अनुवांशिक रोग कहते हैं यह दो प्रकार के होते हैं-
1•उपापचयी त्रुटियां (metabolism errors)
(a) एल्केप्टोन्यूरिया
(b) फिनााइलकिटोन्यूरिया
(c)  ऐल्बिनिज्म
2•गुणसूत्रों की अनियमितताएं
(a) क्लिनेफिल्टर सिंड्रोम
(b) टरनर्स सिंड्रोम
(c) मंगोलिज्म
                  6•कैंसर रोग
वयस्क जंतुओं के शरीर के किसी भी अंग मे त्वचा से अस्थि तक यदि वृद्धि अनियंत्रित हो जाए तो उसे कैंसर कहते हैं। यह शरीर में धीरे-धीरे एक गांठ का रूप धारण कर लेती है। जिसे ट्यूमर कहते हैं। यह ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं-
(a) सुदम ट्यूमर
(b) दुर्दम ट्यूमर
        यद्यपि कैंसर का स्थाई उपचार आज तक संभव नहीं हो सका है। किंतु फिर भी रोगी की आयु बढ़ाई जा सकती है। प्राथमिक अवस्था में यदि इस रोग का ज्ञान हो जाता है। तो उपचार संभव हो सकता है। इसका उपचार निम्न् प्रकार से किया जाता है-
(a) शल्य चिकित्सा  
(b) रेडियोथेरेपी
(c) कीमोथेरेपी
     आशा है आप सभी को मेरा यहां ब्लॉक आकर्षक लगा होगा आज के इस ब्लॉग में हमने स्वास्थ्य एवं विभिन्न प्रकार के मानव रोगो के बारे में संक्षिप्त में जाना है।
      यह जानकारी अन्य सभी को अवश्य शेयर करें।
                           धन्यवाद

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