इस ब्रह्मांड में उपस्थित सभी वस्तुएं जिनका अपना द्रव्यमान है वे एक दूसरे को गुरूत्वाकर्षण बल द्वारा आकर्षित करती है।इसीलिए किसी वस्तु का जितना अधिक द्रव्यमान होता है , उतना ही अधिक गुरुत्वाकर्षण होता है।
वैसे तो गुरुत्वाकर्षण के बिना जीवन की कल्पना असंभव है फिर भी गुरुत्वाकर्षण के खत्म होने पर निम्न बदलाव होंगे। हमारी पृथ्वी 1600km/h की गति से
गुरुत्वाकर्षण के कारण ही पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, ज्वार भाटे आते है, हमारा वायुमंडल और पृथ्वी का नियत आकार भी गुरुत्वाकर्षण के कारण ही है।
दो द्रव्यमानो m1, m2 के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल निम्न समीकरण द्वारा निकला जा सकता है।
वैसे तो गुरुत्वाकर्षण के बिना जीवन की कल्पना असंभव है फिर भी गुरुत्वाकर्षण के खत्म होने पर निम्न बदलाव होंगे। हमारी पृथ्वी 1600km/h की गति से
अपने अक्ष पर घूमने के बाद भी धरती पर सभी वस्तुएं सुरक्षित है किंतु, गुरुत्वाकर्षण के नष्ट होते ही...
1.इसका सबसे ज्यादा असर भूमध्य रेखा पर पड़ेगा।पृथ्वी भूमध्य रेखा के समानांतर अत्यंत तेज़ गति से घूमेगी। जिसके परिणाम स्वरूप तेज़ तूफान,बवंडर,सुनामी लहरे आदि उठेंगी।
2.सबसे पहले तो हमारा वेट जीरो हो जाएगा और हम हवा में तैरने लगेंगे।
एक टिप्पणी भेजें