क्या होगा अगर पृथ्वी का गुरुत्व निष्क्रिय हो जाए?

इस ब्रह्मांड में उपस्थित सभी वस्तुएं जिनका अपना द्रव्यमान है वे एक दूसरे को गुरूत्वाकर्षण बल द्वारा आकर्षित करती है।इसीलिए किसी वस्तु का जितना अधिक द्रव्यमान होता है , उतना ही अधिक गुरुत्वाकर्षण होता है।
         गुरुत्वाकर्षण के कारण ही पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, ज्वार भाटे आते है, हमारा वायुमंडल और पृथ्वी का नियत आकार भी गुरुत्वाकर्षण के कारण ही है।
 दो द्रव्यमानो m1, m2 के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल निम्न समीकरण द्वारा निकला जा सकता है।
लेकिन क्या होगा अगर पृथ्वी का गुरुत्व निष्क्रिय हो जाये??

वैसे तो गुरुत्वाकर्षण के बिना जीवन की कल्पना असंभव है फिर भी गुरुत्वाकर्षण के खत्म होने पर निम्न बदलाव होंगे। हमारी पृथ्वी 1600km/h की गति से 
अपने अक्ष पर घूमने के बाद भी धरती पर सभी वस्तुएं सुरक्षित है किंतु, गुरुत्वाकर्षण के नष्ट होते ही...
1.इसका सबसे ज्यादा असर भूमध्य रेखा पर पड़ेगा।पृथ्वी भूमध्य रेखा के समानांतर अत्यंत तेज़ गति से घूमेगी। जिसके परिणाम स्वरूप तेज़ तूफान,बवंडर,सुनामी लहरे आदि उठेंगी। 
2.सबसे पहले तो हमारा वेट जीरो हो जाएगा और हम हवा में तैरने लगेंगे।
3. सारी इमारतें नष्ट हो जाएंगी तथा वह भी आकाश में तैरने लगेंगे।
4. यदि हम चल रहे होंगे तो यदि हम चल रहे होंगे तो उसी एक्सीलरेशन से चलते हुए आकाश में पहुंच जाएंगे।
5. हमारा वातावरण नष्ट हो जाएगा तथा झील तालाब समुद्र आदि का पानी भाप बन जाएगा।
6. क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण ही पृथ्वी का चक्कर लगाती है इसीलिए गुरुत्वाकर्षण के नष्ट हो जाने पर चंद्रमा में पृथ्वी से दूर हो जाएगा।
7. क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के कारण के ही पृथ्वी का गोलाकार नियत रहता है इसीलिए गुरुत्वाकर्षण के नष्ट होते ही पृथ्वी का आकार बदल जाएगा जब पृथ्वी अन्य भागों में विभक्त हो जाएगी।

किन्तु किसी भी दशा में गुरुत्वाकर्षण का नष्ट होना असंभव है इसीलिए यह किसी प्रकार से चिन्ता का विषय नही है।
धन्यवाद।।

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